बाहर बाहर पूजे मुझको दुनिया रे
भीतर भीतर घुरे मोरा मनवा रेे
दुनिया जो रूसे तो फिर भी चल जाए
मनवा ना माने तो कुछ ना चलना रे
कुछ कुछ तुझसे कहता रहता ये दिल है
ज़रा ठहर सुन ले मानाकि मुश्किल है
तू जाने किस किस गिनती में भागे रे
दुनिया बोले रहना सबसे आगे रे
जी भर ना खा पाया ना तू सो पाया
रोज़ ही एक नई उलझन में जागे रे
खुदा के नाम पे गिनती
वफा के नाम पे गिनती
कभी वॉट्सएप पे ट्वीटर पे
या इंस्टाग्रम पे गिनती
दौलत की गिनती में डरता रह गया
शोहरत की गिनती में उलझा रह गया
रिश्तों की गिनती में लाइक्स बढ़ा लिए
फोन में घुस के गहरे रिश्ते गवां दिए
जी चाहे तो हिमालय पर चढ़ जाना
जी ना चाहे आंगन में ही पसर जाना
दुनिया भर में एक अपना सा काफी है
साथ जो कोई है तो डर ना लगना रे
कोई पल पाए पहले खुद जी लेना
फिर पगले जी चाहे तो सेल्फी लेना
इस पल पल में पहले गहरा उतरना है
खुद ना भोगा वो क्या शेयर करना है
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