यहां **स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग और निवेश से जुड़े सभी बिहेवियरल बायसेस (व्यवहारिक पूर्वाग्रह)** की हिंदी में सूची दी गई है, साथ ही **रियल-लाइफ उदाहरण** भी दिए गए हैं:
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### **1. कॉग्निटिव बायसेस (सोच में गलतियाँ)**
ये बायसेस दिमाग के गलत तर्क या जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों से पैदा होते हैं।
- **ओवरकॉन्फिडेंस बायस (अति आत्मविश्वास)** – अपने ज्ञान या क्षमता को वास्तविकता से ज्यादा समझना।
- *उदाहरण*: कोई ट्रेडर यह सोचकर बार-बार ट्रेड करता है कि वह मार्केट को हर समय बीट कर सकता है, लेकिन अंत में नुकसान उठाता है।
- **कन्फर्मेशन बायस (पुष्टि करने का पूर्वाग्रह)** – सिर्फ उन्हीं बातों पर ध्यान देना जो आपके विचारों से मेल खाती हों।
- *उदाहरण*: अगर आपको लगता है कि "टाटा मोटर्स का शेयर बढ़ेगा", तो आप सिर्फ उन्हीं खबरों को पढ़ेंगे जो इस विचार को सपोर्ट करती हैं, नकारात्मक खबरों को नजरअंदाज कर देंगे।
- **हाइंडसाइट बायस (पछतावे का पूर्वाग्रह)** – पुरानी घटनाओं को ऐसे देखना जैसे वे पहले से ही स्पष्ट थीं।
- *उदाहरण*: "मुझे पता था कि HDFC बैंक का शेयर गिरेगा!" (हालांकि जब शेयर ऊपर था तब आपने यह नहीं कहा था)।
- **एंकरिंग बायस (गलत आधार पर निर्णय लेना)** – किसी एक बिंदु (जैसे खरीद मूल्य) को ज्यादा महत्व देना।
- *उदाहरण*: आपने एक शेयर ₹100 में खरीदा, अब वह ₹60 पर है, लेकिन आप उसे तब तक नहीं बेचते जब तक वह ₹100 पर वापस नहीं आ जाता।
- **रेसेंसी बायस (ताजा घटनाओं का ज्यादा असर)** – हाल की घटनाओं को ज्यादा महत्व देना।
- *उदाहरण*: अगर लगातार 3 दिन मार्केट ऊपर जाता है, तो आप सोचते हैं कि यह ट्रेंड जारी रहेगा, भले ही लॉन्ग-टर्म डेटा कुछ और कहता हो।
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### **2. इमोशनल बायसेस (भावनाओं से प्रभावित निर्णय)**
ये बायसेस डर, लालच या पछतावे जैसी भावनाओं से पैदा होते हैं।
- **लॉस एवर्जन (नुकसान से डर)** – नुकसान का डर इतना ज्यादा कि फायदे का मौका भी छूट जाए।
- *उदाहरण*: आपका शेयर 10% नीचे आता है, आप उसे बेच देते हैं क्योंकि डर लगता है, लेकिन बाद में वह शेयर 50% ऊपर चला जाता है।
- **FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट)** – छूट जाने के डर से भीड़ के पीछे भागना।
- *उदाहरण*: 2021 में जब Bitcoin तेजी से बढ़ रहा था, तो कई लोगों ने बिना रिसर्च किए उसमें पैसा लगा दिया, बाद में उन्हें भारी नुकसान हुआ।
- **डिसपोजिशन इफेक्ट (जीतने वाले को जल्दी बेचना, हारने वाले को पकड़े रहना)**
- *उदाहरण*: आप ₹200 में खरीदा हुआ शेयर ₹300 होने पर तुरंत बेच देते हैं, लेकिन ₹200 का खरीदा हुआ दूसरा शेयर ₹150 होने पर भी पकड़े रहते हैं।
- **एंडोमेंट इफेक्ट (अपनी चीज को ज्यादा अहमियत देना)**
- *उदाहरण*: आपके पास जो शेयर है, आप उसे बेचने से हिचकिचाते हैं, भले ही उसकी ग्रोथ कम हो।
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### **3. सोशल बायसेस (समूह के दबाव से निर्णय)**
ये बायसेस दूसरों के प्रभाव या समूह सोच से पैदा होते हैं।
- **हर्ड मेंटैलिटी (भेड़चाल)** – बिना सोचे-समझे भीड़ के पीछे चलना।
- *उदाहरण*: 2020 में जब GameStop (GME) का शेयर Reddit के ट्रेडर्स ने उछाला, तो कई लोगों ने बिना एनालिसिस किए खरीद लिया, बाद में नुकसान हुआ।
- **ऑथॉरिटी बायस (किसी अथॉरिटी पर अंधविश्वास)**
- *उदाहरण*: राकेश झुनझुनवाला ने किसी शेयर के बारे में कुछ कहा, तो बिना रिसर्च किए उसे खरीद लेना।
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### **4. रिस्क और डिसीजन-मेकिंग बायसेस**
- **मेंटल अकाउंटिंग (पैसे को अलग-अलग खानों में बांटकर देखना)**
- *उदाहरण*: "यह पैसा मेरे ट्रेडिंग अकाउंट का है, इसमें रिस्क ले सकता हूं" (भले ही वह आपकी सेविंग्स का हिस्सा हो)।
- **ऑस्ट्रिच इफेक्ट (बुरी खबरों को नजरअंदाज करना)**
- *उदाहरण*: आपके शेयर गिर रहे हैं, लेकिन आप अपने पोर्टफोलियो को चेक ही नहीं करते।
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### **इन बायसेस से कैसे बचें?**
✅ **नियम बनाएं** (जैसे, स्टॉप-लॉस लगाना)।
✅ **भावनाओं को कंट्रोल करें** (जब मार्केट गिरे, तो पैनिक न करें)।
✅ **डायवर्सिफाई करें** (सभी अंडे एक टोकरी में न रखें)।
✅ **लॉन्ग-टर्म सोचें** (शॉर्ट-टर्म न्यूज से प्रभावित न हों)।
क्या आप किसी खास बायस पर और जानकारी चाहते हैं?
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